बात कोई और होती तो बता देते तुमको...
कमबख़्त मोहब्बत थी तुमसे तो क्या कहते...
एक फिर नई रात चाहत से भरे ख्वाब
चांद की डोली में बैठी तेरी याद
सितारे बन गए सारे बरात
जुगनू की सतरंगी रंग
झिंगुर बन गए साज
धड़कते दिल की धड़कन
थम गया हो जैसे आज...विष्णु
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