क्या चाहूँ रब से तुम्हें पाने के बाद
किसका करूँ इंतज़ार तेरे आने के बाद..!!
क्यों मोहब्बत में जान लुटा देते हैं लोग "
मैंने भी यह जाना इश्क़ हो जाने के बाद..!!
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तेरी रूह जब छूए इश्क़ को मैं
उस लम्हों का गवाह बनूं
जिन आँखों को नसीब है
नज़दीकियाँ तेरी मैं वो निगाह बनूं…
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