🌺एक उमर बीत चली है तुझे चाहते हुए
तू आज भी बेखबर है कल की तरह 🌺
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🌼हर पल तेरा एहसास तेरा ख़याल
ओर तेरा ही ज़िक्र है मुझमे
ये तो मैं खुद भी नहीं जानता की
तू कहाँ कहाँ है 🌼
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*क्या दुख है समुंदर को बता भी नहीं सकता ,*
*आँसू की तरह आँख तक आ भी नहीं सकता.♥️💜
तू छोड़ रहा है तो ख़ता इस में तेरी क्या,*
हर शख़्स मेरा साथ निभा भी नहीं सकता...💜♥️
प्यासे रहे जाते हैं ज़माने के सवालात,*
*किस के लिए ज़िंदा हूँ बता भी नहीं सकता....💜❤
घर ढूँड रहे हैं मेरा रातों के पुजारी,*
*मैं हूँ कि चराग़ों को बुझा भी नहीं सकता....*💜
वैसे तो इक आँसू ही बहा कर मुझे ले जाए ,*
ऐसे कोई तूफ़ान हिला भी नहीं सकता....*♥️💜
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