हर ख़्वाहिश के मुकद्दर में हक़ीक़त नहीं होती..l
कुछ ख़्वाब महज़ ख़्वाब बनकर ही रह जाते हैं...l
Good Night
कुछ कहना है चुपके से तुम्हें ! फिर इश्क दोबारा कर लें क्या?
तेरे गालों के उस डिम्पल का,हम फिर से नजारा कर लें क्या
तेरे हंसने से जो मारे हमें ..तेरे चेहरे के उस बवंडर का
अपनी गजलों के होंठों से फिर जिक्र तुम्हारा कर दें क्या hindi. Hindi shayari dil se
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें