shayari, shayri,

मिलोगे मुझसे जब तुम मेरी बाहों में चले आना 
करूँ जब याद  मैं तुमको निगाहों में चले आना 
सताये तुम्हें जब ये गमं ज़माने के मेरे हमदम 
बिना संकोच के मेरी पनाहों में ,चले आना
             Shayaripub.com 


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

चल छोड़,shayaripub.in

      अचलाएसगुलेरिया की कलम से                   चल छोड़ चल छोड़ छोड़ कहते कहते वह हमें छोड़ कर चले गए । दिल जिनके बक्से में रखा था वह त...