shayari, love,morning

मैंने कब कहा के मुझको अब के अब समझ कर देख,
फ़ुर्सत मिले दुनियां से त मुझको तब समझ कर देख।

तू है अगर हवा तो मुझे परिन्दा समझ के देख..
तू है अगर दरिया तो मेरी प्यास समझ के देख...

तू है और तू ही है मेरी नज़र में बस...
मेरी सबरे ख़ामोशी को समझ कर देख...

मैं कहता हूं इश्क़ ही हो जायेगा मुझसे...
तू मेरी किसी ग़ज़ल का मतलब समझ कर देख...

है आरजू अगर आरजू को आरजू ही रख...
तन्हाइयों में जीने का अदब समझ कर देख....
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