इक बार पिघल जाओ
ज़रा बह के भी देखो,
तुम प्यार जो करते हो
तो फिर कह के भी देखो,
आँखों के दरीचे हैं खुले
झाँक भी लो तुम अंदर,
अच्छा लगे तो दिल में मेरे
रह के भी देखो अंदर...
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...मस्त मौला सा हूं मैं ,
मुझे मस्त मौला ही रहने दो ना ....
...क्या हुआ जो उम्र चालीस पार हो गई है ,
मुझे अब भी बीस- पच्चीस का रहने दो ना।
...क्या हुआ जो मैं समझदार हो गया हूं ,
मुझे अब भी नादानियां करने दो ना ...।
...क्या हुआ जो मान जाता हूँ हर बात ,
मुझे अब कभी बात -बात पर रूठने दो ना ...
....क्या हुआ जो मैं बाप बन गया ,
मुझे अब भी बच्चा रहने दो ना ...।
......मस्त मौला हूं मैं ,
मुझे मस्त मौला ही रहने दो ना...
Wow 👌👌
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