🍁🍁तेरी हर बात और हर याद में मैं गीत लिखता हूं,
तेरी नफरत को भी खुद से मैं सच्ची प्रीत लिखता हूं।
बदलना सीख ना पाया यह तो मेरी नाकामी है,
बदलने में मैं खुद की हार तेरी जीत लिखता हूं।।🍁🍁
🍁ख़ुदगर्ज़ बना देती है
तलब की शिद्दत भी,
प्यासे को कोई दूसरा
प्यासा नहीं लगता🍁
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