Good morning

देव की कलम से......

ख़ुदगर्ज़ बना देती है
तलब की शिद्दत भी,

प्यासे को कोई दूसरा
प्यासा नहीं लगता

तेरे ख़त की इबारत की मैं स्याही बन गयाहोता 
तो चाहत की डगर का मैं भी राही बन गया होता !                                          Shayaripub.com 

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