आपकी इक आरज़ू ने मुझको तन्हा कर दिया।।
आपकी क़ातिल अदाओं ने हमारी जान ली।
क़त्ल का फ़िर आपने ही हम पे दावा कर दिया।।
आप गर नज़रें मिलाते हाल सब पढ़ लेते हम।
आपने पलकें झुका कर राज़ गहरा कर दिया।।
इश्क़ के बाज़ार में कीमत न थी राज मेरी।
आपने बोली लगा कर दाम दुगना कर दिया।।
GOOD NIGHT
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