शेरो-शायरी तो महज...
दिल बहलाने का ज़रिया है साहब !
लफ़्ज़ कागज पर उतारने से..
गुजरे हुए पल नहीं लौटा करते !!
Dev
Shayaripub.com
कौन कहता है कि कुछ नहीं
तेरे मेरे दरमियाँ...
वो एहसासों का हुजूम,
वो जज़्बातों का सैलाब,,
वो अनकही बातें,
वो अनछुए अरमाँ,,
बिखरी सी ख़्वाहिशें,
फैले से ख़्वाब,,
वो सुकूँ के बिछे गलीचे,
वो ख़यालातों के बगीचे,,
वो महकती हुई साँसें,
उम्मीदों की मुस्कान,,
कौन कहता है कि कुछ नहीं
तेरे मेरे दरमियाँ...
Very nice
जवाब देंहटाएंVery nice
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