दिल शायराना

🌹ख़्वाहिश की गर्मियाँ थीं अजब उन के जिस्म में 🌹
🌹ख़ूबाँ की सोहबतों में मिरा ख़ून जल गया🌹 

🌹थी शाम ज़हर-ए-रंग में डूबी हुई खड़ी 🌹🌹
🌹फिर इक ज़रा सी देर में मंज़र बदल गया 🌹🌹
             .    🌹🌹Shayaripub.com 🌹🌹

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