good night

हुई मुद्दत कि 'ग़ालिब' मर गया पर याद आता है
वो हर इक बात पर कहना कि.........
 यूँ होता तो क्या होता

तुम न आए तो क्या सहर न हुई.
हाँ मगर चैन से बसर न हुई।..

मेरा नाला सुना ज़माने ने..
एक तुम हो जिसे ख़बर न हुई।....
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