थोड़ा पानी विश्वास का उबालिये,
खूब सारा दूध ख़ुशियों का थोड़ी पत्तियां ख़यालों की,
थोड़े गम को कूटकर बारीक..
हँसी की चीनी मिला दीजिये,
उबलने दीजिये ख़यालों कुछ देर तक,
यह ज़िंदगी की चाय है जनाब
इसे तसल्ली के कप में
छानकर घूंट घूंट कर पीने का मज़ा लीजिये ।।
Shayaripub.com
Superb 🔥
जवाब देंहटाएंWah..kya chay hai ji
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