आपको मैंने निगाहों में बसा रखा है,
आईना छोड़िए,आईने में क्या रखा है_!!
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मेरे तुम्हारे बीच कुछ नहीं
सिर्फ एहसास , कुछ संवाद
कुछ आधी , अधूरी बातें
और कहने को कुछ नहीं
सिर्फ फिक्र, एक दूजे की
और कुछ नहीं..
न कभी तुमने कुछ कहा
न मैंने कुछ सुना..
फिर भी वो एहसास बिन कहे
सुन लेने का..महज कहने की बात है
एक दूजे के साथ लिए दूर होकर भी
इतने करीब होना.. मीठा सा एहसास
छू जाता है दिल को, यही बंधन मुझे
मुक्त नहीं करा पाया तुझसे...🌹
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