Good morning, सुप्रभात

नजरों का खेल था साहब,.....

वो चुरा ना सके और हम हटा ना सके !!
हसीनों में हसीन फूलों में गुलाब हो तुम
कैसे तुम्हें बताऊँ कितनी लाजवाब हो तुम
काली काली तुम्हारी ज़ुल्फें
खुली हो तो हो जाये दिन में अंधेरा
गोरा चंदन जैसा तुम्हारा चितवन
देख मचल जाये ये दिल मेरा
तुम्हारे मीठे मीठे बोल
सुनने को मन करता है बार बार
             Shayaripub.in


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Good night

हम सच बोलते हैं वहम है तुम्हे! हमें हमारे बारे में पूछ कर तो देखो:! वो न आयेंगे जिनकी रजा में राजी रहते हो कभी उनसे हल्का सा रूठ कर तो देखो:...