Good morning ,shayaripub.in

मिली हैं रूहें तो
रस्मों की बंदिशें क्यूँ हैं 

यह जिस्म तो ख़ाक हो जाना है
*फिर रंजिशें क्यूँ हैं ।। .
.Shayaripub.in 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Good night

हम सच बोलते हैं वहम है तुम्हे! हमें हमारे बारे में पूछ कर तो देखो:! वो न आयेंगे जिनकी रजा में राजी रहते हो कभी उनसे हल्का सा रूठ कर तो देखो:...