Good morning



तुम्हारे इश्क़ को कैसे समेटू अल्फाज़ो में 
ये मोहब्बत मुझे नि:शब्द कर जाती हैं

साँवली लैला भी मजनू को ना दी दुनियाँ ने
मेरी वाली की रंगत तो खासी बेहतर है
Shayaripub.in

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

चल छोड़,shayaripub.in

      अचलाएसगुलेरिया की कलम से                   चल छोड़ चल छोड़ छोड़ कहते कहते वह हमें छोड़ कर चले गए । दिल जिनके बक्से में रखा था वह त...