emotional shayari

तू मेरे पास न थी फिर भी शाम होने तक 
तेरी हर साँस मेरे जिस्म को छू कर गुज़री
क़तरा क़तरा तेरे दीदार की शबनम टपकी 
लम्हा लम्हा तेरी ख़ुशबू से ये
 ख़ुशनुमा लम्हा तुम्हारे संग गुज़रा❤️
                  विष्णु 
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Good night

चलती हुई “कहानियों” के जवाब तो बहुत है मेरे पास………. .लेकिन खत्म हुए “किस्सों” की खामोशी ही बेहतर है….