ना चुरा तू मेरी नज़रों को अपनी निगाहों से..
उफ़्फ़ ये मीठी मीठी मुस्कान तुम्हारे चेहरे पे जब आती है
इस तरह दिल में हलचल होना लाज़मी है
तुम्हारे चेहरे पे तुम्हारे बालों की ये बदमाशियां देख कर
हमारी नज़रों की गुस्ताखियां होना लाज़मी है
जब तुम ने अपना हाथ मेरे हाथों में दिया
मेरी रग रग तुम्हारा इश्क़ बहने लगा
दिल को संभालना मुश्किल हो जाता है तेरी इन अदाओं से❤️
विष्णु
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