Have a wonderful day,Goodmorning

बाप....
तलब तेरे साथ की मुझमे आज भी जारी है,
कुछ पल जो गुज़रे संग तेरे सदियों पे भारी हैं.....!
-अज्ञात
मैं हर्फ़ हर्फ़ बिखरी हूँ 
जब भी खोलोगे ये क़िताब
मैं याद आऊँगी ...

 बरसात की हर बूँद में
मिलूँगी बरसती मैं...
कभी बारिशों में भीगोगे
तो याद आऊँगी....

तेरी  साँस-साँस में..
बसेरा है मेरा...
सुनोगे सांसों का संगीत
 तो समझ जाओगे..

लम्हा लम्हा मैं भी
तेरी याद में तपती हूँ 
खुद को खुद से खफा पाओगे
तो जान जाओगे 

मैं पल पल ....
रब से तेरी खुशी मांगती हूँ 
तुम जब हाथ दुआ में उठाओगे
तो याद आऊँगी.....
Shayaripub.com 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

 thank God my blog is start working again