सब्र रखना,

 जीवन में एक वो पहर रखना

वह सब कुछ स्वयं ही करता है,
 इस बात की यार खबर रखना

तुझे सही लगे या गलत लगे 
बस दिल में यार सब्र रखना

मन में हर भाव रहे जिंदा
 चुरा सागर से दिल में लहर रखना

जाने कब तन्हाई तन्हा कर दे
 तू फोन में सारा शहर रखना

ना हाल सुनाना ना सुनना 
नजरों में समझ की नजर रखना

जहां तुम हो और हो परमपिता
 जीवन में एक वो पहर रखना
                            अचलाएसगुलेरिया
                            Shayaripub.com 

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